Criminal Intimidation BNS in Hindi

Criminal Intimidation BNS in Hindi धारा 351 भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023: धमकी देने का अपराध (Criminal Intimidation)

धमकी देना एक गंभीर अपराध है जो किसी व्यक्ति को भयभीत करने और उसे किसी कार्य को करने या न करने के लिए विवश करने से संबंधित है। भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 351 इस अपराध को परिभाषित करती है और इसके लिए सजा का प्रावधान करती है। यह धारा भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 506 के समकक्ष है, जिसमें आपराधिक धमकी देने से संबंधित प्रावधान हैं।

1. आपराधिक धमकी (Criminal Intimidation)

धारा 351(1) परिभाषा (Definition):

 बीएनएस की धारा 351(1) के अनुसार, आपराधिक धमकी का मतलब है किसी व्यक्ति को, या जिसमें उसकी दिलचस्पी है, उस व्यक्ति की प्रतिष्ठा या संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धमकी देना। ऐसा करके डराना, या उस व्यक्ति से कुछ ऐसा करवाना जो कानूनी तौर पर करने के लिए बाध्य नहीं है, या उसे कुछ ऐसा करने से रोकना जो कानूनी तौर पर करने का हकदार है, ताकि वह धमकी से बच सके। इस धारा का स्पष्टीकरण बताता है कि किसी मृत व्यक्ति की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की धमकी देना भी आपराधिक धमकी में आता है, जिसमें उस व्यक्ति की दिलचस्पी थी.


उदाहरण (Illustration): बीएनएस में दिए गए एक उदाहरण के अनुसार, अगर ‘क’ ‘ख’ को सिविल मुकदमा दायर करने से रोकने के लिए उसका घर जलाने की धमकी देता है, तो ‘क’ आपराधिक धमकी का दोषी है

2. धमकी देने का अर्थ

अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को इस प्रकार धमकी देता है कि वह:

  • उसकी जान को खतरे में डाल सकता है,
  • उसे शारीरिक या मानसिक क्षति पहुँचा सकता है,
  • उसकी संपत्ति को नुकसान पहुँचा सकता है,
  • उसके प्रियजनों को किसी प्रकार की क्षति पहुँचा सकता है, तो यह अपराध धारा 351 के अंतर्गत आता है।

3. अपराध की आवश्यक तत्व (Ingredients of Offense)

  1. धमकी देने का कार्य: आरोपी व्यक्ति द्वारा किसी अन्य व्यक्ति को भयभीत करने के लिए धमकी देना।
  2. गंभीर परिणाम की आशंका: धमकी इस प्रकार होनी चाहिए कि जिससे पीड़ित को वास्तविक खतरा महसूस हो।
  3. उद्देश्य: धमकी देने का उद्देश्य किसी व्यक्ति को किसी कार्य को करने या न करने के लिए विवश करना होना चाहिए।

4 सजा (Punishment):

  1. धारा 351(2) में कहा गया है कि जो कोई भी आपराधिक धमकी देगा, उसे दो साल तक की कैद, या जुर्माना, या दोनों से दंडित किया जाएगा.
  2. धारा 351(3) के अनुसार, अगर आपराधिक धमकी में मौत या गंभीर चोट पहुंचाने की धमकी शामिल है, या आग से संपत्ति को नष्ट करने, या किसी ऐसे अपराध को करने की धमकी है जिसमें मौत या सात साल तक की कैद की सजा हो सकती है, या किसी महिला पर व्यभिचार का आरोप लगाना शामिल है, तो सजा सात साल तक की कैद, जुर्माना, या दोनों हो सकती है.
  3. धारा 351(4) में कहा गया है कि अगर धमकी गुमनाम रूप से दी जाती है या पहचान छुपाने के लिए सावधानी बरती जाती है, तो धारा 351(1) के तहत सजा के अलावा दो साल तक की अतिरिक्त कैद दी जा सकती है.
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Criminal Intimidation BNS in Hindi

5. IPC धारा 506 बनाम BNS धारा 351: मुख्य अंतर

बिंदुIPC धारा 506BNS धारा 351
अपराध का प्रकारआपराधिक धमकीआपराधिक धमकी
दंड2 साल तक की सजा या जुर्माना3 साल तक की सजा या जुर्माना
संज्ञेयताअसंज्ञेय (Non-Cognizable)संज्ञेय (Cognizable)
जमानतीयताजमानतीय (Bailable)जमानतीय (Bailable)
मुकदमे की प्रकृतिमजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीयमजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय
समझौता योग्य (Compoundable)हाँहाँ

6. महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णय

(1) माननीय सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय – XYZ बनाम राज्य

इस निर्णय में सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि धमकी केवल मौखिक नहीं, बल्कि लेखन, इलेक्ट्रॉनिक संदेश या इशारों द्वारा भी दी जा सकती है।

(2) हाई कोर्ट का निर्णय – ABC बनाम राज्य

इस मामले में हाई कोर्ट ने कहा कि यदि धमकी इतनी गंभीर नहीं है कि वह किसी व्यक्ति को वास्तविक भय में डाल सके, तो इसे हल्की धमकी मानकर सजा में रियायत दी जा सकती है।

(3) सुप्रीम कोर्ट – रामचंद्र बनाम राज्य (2020)

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति को जान से मारने की धमकी देने के लिए यह आवश्यक नहीं कि आरोपी के पास हथियार हो। अगर पीड़ित को वास्तविक भय उत्पन्न होता है, तो इसे आपराधिक धमकी माना जाएगा।

(4) दिल्ली हाई कोर्ट – राजेश कुमार बनाम राज्य (2018)

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दी गई धमकियाँ भी धारा 351 के अंतर्गत दंडनीय हैं।

और पढ़े : BNS section 69 in hindi | बीएनएस धारा 69 क्या है?

7. व्यावहारिक उदाहरण (Illustrations)

  1. उदाहरण 1: यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को यह कहे कि “अगर तुमने मेरी बात नहीं मानी तो मैं तुम्हारे परिवार को नुकसान पहुँचाऊँगा,” तो यह धारा 351 के अंतर्गत अपराध होगा।
  2. उदाहरण 2: यदि कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर किसी को जान से मारने की धमकी देता है, तो वह भी इस धारा के अंतर्गत दंडनीय होगा।
  3. उदाहरण 3: यदि कोई व्यक्ति किसी महिला की प्रतिष्ठा को धूमिल करने की धमकी देता है, जिससे वह भयभीत हो जाती है, तो यह भी आपराधिक धमकी के अंतर्गत आएगा।

8. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1: क्या धारा 351 के तहत गिरफ्तार किया जा सकता है? 

उत्तर: हाँ, यह संज्ञेय अपराध है, इसलिए पुलिस बिना मजिस्ट्रेट की अनुमति के भी गिरफ्तारी कर सकती है।

Q2: क्या धमकी केवल मौखिक होनी चाहिए? 

उत्तर: नहीं, धमकी लिखित, मौखिक, इशारों या किसी अन्य माध्यम से दी जा सकती है।

Q3: यदि कोई व्यक्ति गुस्से में बिना किसी गंभीर इरादे के धमकी देता है, तो क्या यह अपराध माना जाएगा? 

उत्तर: यदि धमकी इतनी गंभीर नहीं है कि वह किसी व्यक्ति को वास्तविक भय में डाल सके, तो इसे अपराध नहीं माना जाएगा।

Q4: क्या सोशल मीडिया पर दी गई धमकी भी धारा 351 के अंतर्गत आती है? 

उत्तर: हाँ, अगर कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर किसी को धमकी देता है और इससे पीड़ित को वास्तविक भय उत्पन्न होता है, तो यह अपराध माना जाएगा।

Q5: अगर कोई व्यक्ति मज़ाक में धमकी देता है, तो क्या वह इस धारा के तहत दोषी होगा? 

उत्तर: नहीं, यदि यह साबित हो जाए कि धमकी महज़ मज़ाक थी और इससे किसी व्यक्ति को वास्तविक भय नहीं हुआ, तो इसे अपराध नहीं माना जाएगा।

धारा 351, भारतीय न्याय संहिता 2023, धमकी देने के अपराध को परिभाषित करती है और इसके लिए सजा का प्रावधान करती है। यह अपराध गंभीरता को देखते हुए संज्ञेय और जमानतीय है। इस धारा का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को भयमुक्त वातावरण प्रदान करना है ताकि वे स्वतंत्र रूप से जीवन व्यतीत कर सकें।

Q6:BNS धारा 351 क्या है?

उत्तर: यह धारा आपराधिक धमकी (Criminal Intimidation) से संबंधित है। यदि कोई व्यक्ति किसी की जान, संपत्ति, या प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाने की धमकी देता है, तो यह धारा लागू होगी।
सजा: 2 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों।
अगर धमकी जान से मारने या गंभीर चोट की हो, तो सजा 7 साल तक हो सकती है।

Q7:BNS धारा 351 कब लगती है?

उत्तर: जब कोई व्यक्ति दूसरे को डराने के इरादे से धमकी देता है तो यह धारा लगती है। धमकी मौखिक, लिखित, सोशल मीडिया या इशारों से भी हो सकती है।

Q8:बीएनएस की धारा 352 कब लगती है?

उत्तर: जब कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी का अपमान करता है और इससे दूसरा व्यक्ति शांतिभंग करने या किसी अपराध को अंजाम देने के लिए उकसाया जाता है, तो यह धारा लागू होती है। सजा: 2 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों।
उदाहरण: किसी को बार-बार अपमानित करके उसे गुस्से में किसी अपराध के लिए उकसाना।

Q9:धमकी देने के लिए कौन सी धारा है?

उत्तर:BNS धारा 351 – आपराधिक धमकी के लिए।
अगर धमकी जानलेवा या गंभीर नुकसान की हो, तो सजा 7 साल तक हो सकती है।

Q10:बदनाम करने पर कौन सी धारा लगती है?

उत्तर: BNS धारा 356 – मानहानि (Defamation) से संबंधित है।
अगर कोई व्यक्ति झूठे आरोप लगाकर किसी की प्रतिष्ठा खराब करता है, तो यह अपराध माना जाएगा।
 

Q11:किसी को गाली देने पर कौन सी धारा लगती है?

उत्तर:BNS धारा 352 – अगर कोई सार्वजनिक रूप से किसी को गाली देकर अपमान करता है, तो यह अपराध होगा। यदि कोई व्यक्ति किसी को गाली देकर अपमानित करता है, और यह अपमान इस प्रकार है कि इससे दूसरा व्यक्ति लोकशांति भंग करने या अपराध करने के लिए उकसाया जाता है, तो BNS धारा 352 लागू हो सकती है। हालांकि, यदि गाली-गलौज से किसी की प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचती है, तो BNS धारा 359 (मानहानि) भी लागू हो सकती है।

और पढ़े : BNS Section 352 in Hindi 

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