BNS Kidnapping

Section 137: Kidnapping
(1) Kidnapping is of two kinds: kidnapping from India, and kidnapping from
lawful guardianship––
(a) whoever conveys any person beyond the limits of India without the consent
of that person, or of some person legally authorised to consent on behalf of that
person, is said to kidnap that person from India;
(b) whoever takes or entices any child or any person of unsound mind, out of the
keeping of the lawful guardian of such child or person of unsound mind, without the
consent of such guardian, is said to kidnap such child or person from lawful
guardianship.
Explanation.––The words “lawful guardian” in this clause include any person
lawfully entrusted with the care or custody of such child or other person.
Exception.—This clause does not extend to the act of any person who in good
faith believes himself to be the father of an illegitimate child, or who in good faith
believes himself to be entitled to the lawful custody of such child, unless such act is
committed for an immoral or unlawful purpose.
(2) Whoever kidnaps any person from India or from lawful guardianship shall be
punished with imprisonment of either description for a term which may extend to seven
years, and shall also be liable to fine.”
📘 धारा 137 क्या कहती है? | What Section 137 of BNS States
🔹 उपधारा (1): अपहरण के प्रकार
अपहरण (Kidnapping) दो प्रकार का होता है:
(a) भारत से अपहरण (Kidnapping from India):
यदि कोई व्यक्ति किसी को भारत की सीमा से बाहर उसकी या उसकी ओर से कानूनी रूप से सहमति देने वाले व्यक्ति की अनुमति के बिना ले जाए, तो यह भारत से अपहरण कहलाता है।
(b) वैध अभिभावकत्व से अपहरण (Kidnapping from lawful guardianship):
यदि कोई व्यक्ति किसी बच्चे या मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति को उनके वैध अभिभावक की अनुमति के बिना बहला-फुसलाकर या जबरन उसकी निगरानी से बाहर ले जाए, तो यह अपहरण माना जाएगा।
🔍 स्पष्टीकरण (Explanation):
यहां ‘वैध अभिभावक’ का मतलब है – वह व्यक्ति जिसे विधिक रूप से बच्चे या मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति की देखरेख सौंपी गई हो।
⚠️ अपवाद (Exception):
यदि कोई व्यक्ति सच्चे विश्वास (good faith) में यह मानता है कि वह किसी अवैध संतान का पिता है, या उस बच्चे की वैध कस्टडी का अधिकारी है, तो जब तक उसका उद्देश्य अनैतिक या अवैध नहीं है, तब तक यह अपहरण नहीं माना जाएगा।
🔹 उपधारा (2): सजा का प्रावधान
यदि कोई व्यक्ति उपर्युक्त प्रकार से अपहरण करता है, तो उसे:
👉 सात साल तक की सजा दी जा सकती है,
और
👉 जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
⚖️ अपहरण की प्रकृति (Nature of the Offence)
बिंदु | विवरण |
---|---|
संहिता | भारतीय न्याय संहिता, 2023 |
धारा संख्या | 137 |
अपराध का नाम | अपहरण (Kidnapping) |
किस प्रकार का अपराध | संज्ञेय (Cognizable) |
जमानती/गैर-जमानती | जमानती (Bailable) |
अदालत | प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट |
सजा | अधिकतम 7 वर्ष + जुर्माना |
📚 उदाहरण (Illustrations)
उदाहरण 1:
रमेश, 17 साल की एक लड़की को बहला-फुसलाकर उसके घर से दिल्ली ले जाता है, जबकि लड़की के माता-पिता को इसकी जानकारी नहीं है।
👉 यह धारा 137(1)(b) के तहत अपराध है।
उदाहरण 2:
सोहन, 10 साल के बच्चे को स्कूल से उठाकर बाहर ले जाता है, जबकि वह बच्चा उसके रिश्तेदार का बेटा है और उसकी अनुमति नहीं ली गई है।
👉 यह भी कानूनी अभिभावकत्व से अपहरण माना जाएगा।
पीड़ित के लिए क़ानूनी उपाय:
- तत्काल नजदीकी पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराएं।
- साक्ष्य एकत्रित करें – जैसे CCTV फुटेज, गवाह, कॉल रिकॉर्ड्स।
- नाबालिग या मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति को वापस लाने हेतु हाई कोर्ट में हेबियस कॉर्पस याचिका दायर की जा सकती है।
—
आरोपी के लिए बचाव के उपाय:
- यह दिखाया जाए कि कार्य ईमानदारी और अच्छे विश्वास में किया गया था।
- अपहरण का उद्देश्य गैर-अपराधिक था और उस व्यक्ति की सहमति प्राप्त की गई थी (जहाँ आवश्यक हो)।
- यदि मामला गलतफहमी या कस्टडी विवाद से जुड़ा हो, तो परामर्श और सुलह का रास्ता अपनाया जा सकता है।
—
न्यायिक उद्देश्य (Objective of Law):
इस धारा का मूल उद्देश्य है — बच्चों, मानसिक रूप से दुर्बल व्यक्तियों और भारत की सीमा में रहने वाले नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, ताकि उन्हें जबरन या धोखे से ले जाने से रोका जा सके।
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प्रसिद्ध न्यायालयिक निर्णय (Famous Judicial Interpretations):
1. Vishwanath v. State of Uttar Pradesh, AIR 1960 SC 67
सार:
सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि यदि कोई नाबालिग लड़की अपनी इच्छा से घर छोड़कर जाती है, लेकिन उसे कोई बहला-फुसला कर ले जाए, तब भी यह अपहरण (Kidnapping) माना जाएगा।
उपयोग:
इस निर्णय में “enticing” (बहलाना/फुसलाना) शब्द के महत्व को रेखांकित किया गया है।
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2. Shyam and Anr. v. State of Maharashtra, (1995) SCC (Cri) 618
सार:
कोर्ट ने माना कि एक नाबालिग लड़की को प्रेम के बहाने बहलाकर ले जाना भी अपहरण की श्रेणी में आता है, भले ही लड़की ने स्वेच्छा से साथ जाने की सहमति दी हो।
प्रभाव:
“Consent of minor is immaterial” – यह सैद्धांतिक बात इस फैसले से स्पष्ट होती है।
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3. State of Haryana v. Raja Ram, AIR 1973 SC 819
सार:
कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि “lawful guardian” केवल माता-पिता तक सीमित नहीं है। यदि कोई व्यक्ति विधिसम्मत रूप से बच्चे की देखरेख कर रहा है, तो वह भी अभिभावक माना जाएगा।
—
🔁 IPC की धारा 359 से 363 की तुलना BNS की धारा 137 से
विषय | IPC धारा 359-363 | BNS धारा 137 |
---|---|---|
कानून का वर्ष | 1860 | 2023 |
अपहरण के प्रकार | भारत से और अभिभावकत्व से | वही दो प्रकार |
परिभाषा | पुरानी, सीमित भाषा | स्पष्ट, विस्तार से परिभाषित |
अपवाद | अस्पष्ट | स्पष्ट: good faith + non-immoral purpose |
सजा | 7 साल + जुर्माना | 7 साल + जुर्माना |
‘Unsound mind’ का जिक्र | नहीं | हां, शामिल किया गया |
अक्सर पूछे जाने वाले सामान्य प्रश्न (FAQs):
Q1. क्या नाबालिग लड़की के अपनी इच्छा से जाने पर भी अपहरण का केस बनता है?
उत्तर: हां, क्योंकि नाबालिग की सहमति वैध नहीं मानी जाती। यदि उसे उसके अभिभावक की अनुमति के बिना ले जाया गया, तो वह अपहरण है।
Q2. क्या कोई रिश्तेदार बच्चे को ले जाए तो वह अपहरण है?
उत्तर: अगर वह व्यक्ति कानूनी रूप से अभिभावक नहीं है, और अभिभावक की सहमति नहीं है, तो यह अपहरण हो सकता है।
Q3. अवैध संतान के पिता द्वारा बच्चे को ले जाना अपराध है या नहीं?
उत्तर:यदि वह व्यक्ति सच्चे विश्वास (good faith) में यह मानता है कि वह पिता है, और उसका उद्देश्य अनैतिक या अवैध नहीं है, तो यह अपवाद के तहत अपराध नहीं माना जाएगा।
Q4. अपहरण के लिए अधिकतम सजा क्या है?
उत्तर:भारतीय न्याय संहिता की धारा 137 के अनुसार – अधिकतम 7 वर्ष की कारावास + जुर्माना।
Q5. क्या यह अपराध जमानती है?
उत्तर:हां, यह अपराध जमानती (Bailable) है।
English FAQs
1. What is Section 137 of the BNS?
Section 137 of the Bharatiya Nyaya Sanhita (BNS), 2023 defines the offence of Kidnapping. It recognizes two types:
- Kidnapping from India, and
- Kidnapping from lawful guardianship.
2. What is kidnapping under BNS Section 137?
Under Section 137 of BNS, kidnapping includes:
- Taking a person out of India without consent, and
- Taking or enticing a child or person of unsound mind away from their lawful guardian without consent.
3. What is Section 142 of the BNS?
Section 142 of the BNS defines trafficking of persons and prescribes punishment for anyone involved in recruitment, transportation, or harboring of persons using threats, force, fraud, or deception for exploitation.